STORYMIRROR

Archana Tiwary

Romance

4  

Archana Tiwary

Romance

तुम्हारी याद

तुम्हारी याद

1 min
209

हवा का एक बेशर्म झोंका 

हौले से छू सकपका कर भाग गया

तुम्हारी यादों के भंवर में 

सुलगती रही पूरी शाम 

जब एकाएक आए तुम 

तो यह हवा भी शरमा गया

शाम पर मदहोशी छा गई

इंद्रधनुषी आकाश 

मन को झूला झूला गई 

उधर चांद भी खिलने को मचलने लगा

चांदनी की चादर बिखर बिखर कर

आगोश में लेने को बांहे फैलाने लगी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance