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Archana Tiwary

Romance

4  

Archana Tiwary

Romance

तुम्हारी याद

तुम्हारी याद

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हवा का एक बेशर्म झोंका 

हौले से छू सकपका कर भाग गया

तुम्हारी यादों के भंवर में 

सुलगती रही पूरी शाम 

जब एकाएक आए तुम 

तो यह हवा भी शरमा गया

शाम पर मदहोशी छा गई

इंद्रधनुषी आकाश 

मन को झूला झूला गई 

उधर चांद भी खिलने को मचलने लगा

चांदनी की चादर बिखर बिखर कर

आगोश में लेने को बांहे फैलाने लगी।


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