हम दोनों (Two of Us) - Extended Version
हम दोनों (Two of Us) - Extended Version
हम दोनों नदिया के तीरे
मध्य हमारे अविरल धारा
अलग अलग अपनी दुनिया पर
अनाद्यनंत रहे साथ हमारा
अलग अलग अपनी राहें हैं
अपनी अपनी जिम्मेदारी
अपनी खुशियां, अपने दुःख हैं
फिर भी अपनी साझेदारी
मेरे तट पर जब मावस का
घना अँधेरा छा जाता है
तेरे तट का पूनम चन्दा
मेरा मन भी बहलाता है
तेरे तट पर जब आंधी में
पुष्प लताएं सिहराती हैं
मेरे तट के वट वृक्षों की
शाख उधर ही बढ़ जाती हैं
ग्रीष्म ऋतु में तप्त हवायें
जब मेरे तट को झुलसाती हैं
तेरे तट से मंद बयारें
मरहम बन कर आ जाती हैं
तेरे तट पर जब सर्दी में
हिम की चादर बिछ जाती हैं
मेरे आलिंगन की गर्मी ले
शुष्क हवायें उड़ जाती हैं
कभी कोई पर्ण मेरे तट से
तेरे तट तक बह जाता है
अनकही बातों को मेरी
कान में तेरे कह जाता है
और कभी हवा का झोंका
तेरे तट से आ जाता है
तेरी श्वासों की खुशबू से
मेरा तट महका जाता है
एक तट पर एकाकीपन की
नीरवता जब छा जाती है
दूजे तट से एक सोन चिरैया
गीत हर्ष के गा जाती है
नहीं किये कोई वादे हमने
कोई वचन न तोड़े हैं
जीवन की ये बहती नदिया
हम दोनों को जोड़े है