आनंद ही आनंद मिला है इस बरगद की छांवों में। आनंद ही आनंद मिला है इस बरगद की छांवों में।
आपका प्यार बरगद की विशाल छांव से ही तो था। आपका प्यार बरगद की विशाल छांव से ही तो था।
एक मंजिला हो या हो बहुमंजिला अपना घर तो अपना घर ही होता है। एक मंजिला हो या हो बहुमंजिला अपना घर तो अपना घर ही होता है।
उनकी उपस्थिति कुछ कीटों को दर्शाती है। उनकी उपस्थिति कुछ कीटों को दर्शाती है।
मैं जानता हूँ, यह सोचते हुए भी तेरा तन कँपकँपाया। और मेरी इस व्यथा को तू स्वयं न सह पाया। मैं जानता हूँ, यह सोचते हुए भी तेरा तन कँपकँपाया। और मेरी इस व्यथा को तू स्वय...