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मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

Classics

3  

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

Classics

अपना घर

अपना घर

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स्वर्ग से सुंदर 

प्यारा-न्यारा 

अपना घर 

छोटा हो या हो बड़ा 

कच्चा हो या हो पक्का 

जैसा भी हो 

कैसा भी हो 


सबसे बढ़िया होता 

अपना घर 

सुख-शांति 

असीम तृप्ति 

आनन्द की खान 

अपना घर 


जाड़ा-गर्मी और बरसात से 

सहज बचा लेता 

अपनों के प्यार-स्नेह से 

महक उठता घर


घर का सुख 

पूछो उनसे 

जिनके पास नहीं है 

अपना घर 

टूटा हो या फूटा हो 

टाट-झोपड़ी वाला घर 


एक मंजिला हो या 

हो बहुमंजिला 

अपना घर तो 

अपना घर ही होता है।


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