तन्हाइयों का शिकार हर इंसान है....
तन्हाइयों का शिकार हर इंसान है....
चारों तरफ शोर शराबा यहां फिर भी तन्हाइयों का शिकार इंसान
दूर तक फैली लंबी दौड़ती सड़के यहां
फिर भी अनदेखी सफर पर चल रहा हर शख्स यहां
अंतिम सांस तक मंजिल की तलाश करता इंसान
घर की दहलीज से सड़क के उसे मोड तक
चलता फिरता कारोबार करता इंसान
एहसास को अनदेखा कर मशीन बन रहा हर इंसान।
