जिस जगह से उसके घर की दहलीज़ का दिखना ना बंद हुआ।। जिस जगह से उसके घर की दहलीज़ का दिखना ना बंद हुआ।।
कहा अब मेरे संघर्ष की सीमा न रही, और धरती की गोद में समाने लगी। कहा अब मेरे संघर्ष की सीमा न रही, और धरती की गोद में समाने लगी।
उन झरोखों को जिनसे होकर हम तेरे आगोश में चले आएगें। उन झरोखों को जिनसे होकर हम तेरे आगोश में चले आएगें।
मैं इंतजार करता रहता हूँ तुम्हारा, रात-रात जागकर। मैं इंतजार करता रहता हूँ तुम्हारा, रात-रात जागकर।
भूल भी गर गये हो, फिर भी पहचान रखना, भले ही अनजानों जैसी। भूल भी गर गये हो, फिर भी पहचान रखना, भले ही अनजानों जैसी।
आँखों में एक नई उम्मीद लिए जी उठती हूँ, दिल कहता है तू कभी तो आएगा ! कभी तो समझेगा ! आँखों में एक नई उम्मीद लिए जी उठती हूँ, दिल कहता है तू कभी तो आएगा ! कभी तो ...