वसंत उत्सव
वसंत उत्सव
लो आ गया वसंत लाया संग खुशियां अनंत
भरकर पिटारे में उम्मीदें नई लाया है
सुबह की किरणों ने राग नया छेड़ा है
मुद्दतों बाद आसमान भी मुस्कुराया है
मंजर से लदी है आमों की डलिया
भौंरों की टोली में प्रेम का खुमार छाया है
सरसों के फूल से धरती सतरंगी बनी है
गेहूं की बालियां हवा के झूले पर
पेंगे मार रही है
कोयल की कूक में बहारों की शोखियां है
फागुन रंगीन गुलाल ले दहलीज पर खड़ा है
इस वसंत के साथ बचपन वाली मां की पूजा स्मृति मधुर
सजावट ,पूजा ,प्रसाद और दोस्तों का संग
वक्त करवट बदलता गया
वसंत का अर्थ हर उम्र में बदलता गया
अब शिक्षा देती हर माँ में
सरस्वती मां की झलक दिख जाती है
मंजिल तक पहुंचने की प्रेरणा बन मां
बच्चों का पथ प्रशस्त करती
उम्र चाहे कोई हो
वसंत लाता सबके लिए
सौगात खुशियों के अनंत