Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

प्रवीन शर्मा

Romance

4  

प्रवीन शर्मा

Romance

सावन के बादल प्यार में पागल

सावन के बादल प्यार में पागल

1 min
179


जल्दी छत पर आ जा गोरी

हम बारिश बारिश खेलेंगे

तू अपनी छत पर रह लेना

हम अपनी छत पर रह लेंगे

खेल आज होगा ऐसा, जैसा पहले नही कभी

एक तरफ बादल और हम एक तरफ से खेलेंगे

नियम खेल का एक ही होगा

हम प्यार की शर्तें मानेंगे

फिसला मैं जो अगर तुम्हे भी साथ जमी छूनी होगी

बाद में कभी अगर चाहोगे, गोद में तुमको ले लेंगे

दर्द हुआ अगर हमको, तुमको भी रोना होगा

फिर तेरे आंसू हम अपनी आंखों से निकालेंगे

छत पर लेटेंगे हम दोनों पिघली पिघली बूंदों पर

अपने प्यार का पहला सावन आंखों में बसा लेंगे

बादल से फिर बोलेंगे हम दोनों की छत पर ही बरसो

सारी दुनिया भूल के हमतुम एक दूजे में खो लेंगे

जब सिर पर बूंदों की चुनरी ओढ़ोगी मैं बरसुंगा

सावन कोई रिश्वत लेलो ना रुकना जब खेलेंगे।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance