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प्रवीन शर्मा

Drama Romance

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प्रवीन शर्मा

Drama Romance

अबकी होरी में

अबकी होरी में

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सैंया तेरे साथ खेल को लाई चुनरिया कोरी मैं।

कौन रंग के साथ रंगोगे, मोहे अबकी होरी में।।


जीवन मिला तोहे पाने को, कितने मौसम बीत गए,

इंतजार में तेरे प्रीतम, नैना मेरे भीग गए,

अबकी होरी ऐसो रंग दे कोई कह न पाए मोरी मैं,

तोरे रंग के साथ रंगोगे, कह दो अबकी होरी में।


देख न तो एक बार मुझे ये चूड़ी कितनी प्यारी रे,

चूड़ी क्या ये हंसी ये आंसू सब कुछ तुझ पर वारी रे,

फिकर न करना सबरी टूटे अपनी इस बरजोरी में,

कहो पिया तुम कैसे रंगोगे, मोहे अबकी होरी में।


तेरे विजोग में छोड़े सब रंग, बाकी एक सिंदूर सिवा,

याद यही था लौटूंगा मैं, जाते समय जो तूने कहा,

कैसे मैं समझाऊं पिया तोहे बस तोरी हूँ तोरी मैं,

सच कहती हूँ मर जाऊंगी अलग किया जो होरी में।


और नही कुछ मुझको देना इतना वादा काफी है,

दीपक बाती जैसे हम तुम बस दोनों ही साथी है,

प्रेम लुटाती हूँ मैं तुझ पर ये प्रेम ही मेरी झोरी में,

कस के मुझको गले लगा ले तू साजन और गोरी मैं।



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