सखी री मोहे, पीयू तड़पावे
सखी री मोहे, पीयू तड़पावे


सखी री मोहे, पीयू तड़पावे
निर्मोही को ,याद न आवे
सखी री मोहे ,पीयू तड़पावे
चंदा च दिखत रे ,मेरो मनभावन
बीते ,सूखा, थारे बिन, ये सावन
मुई रैना ,मन में ,आग ,लगावे
सखी री मोहे, पीयू तड़पावे
हिये च बसे हैं, प्रीतम प्यारो
जपे स्वाशा क्षण क्षण, नाम तिहारो
बिरह, अब मोहे ,मार मुकावे
सखी री मोहे ,पीयू तड़पावे
न अब देर करो, बालम , बलिहारी
रोये रे ,रोये , दासी ,तिहारी
घड़ियां कैसी ,ये बीती जावे
सखी री मोहे, पीयू तड़पावे