STORYMIRROR

Yashwant Rathore

Romance Tragedy Inspirational

4  

Yashwant Rathore

Romance Tragedy Inspirational

तुम , तुम्हारे जैसे ही रहना..

तुम , तुम्हारे जैसे ही रहना..

1 min
333

तुम, तुम्हारे जैसे ही रहना..

बताना उसे बिना डरे, बिना छुपाये,.

कि चाहते क्या हैं प्राण तुम्हारे…

हामीं, ना हो उसकी, तो बढ़ जाना आगे.. 

चाह हो उसको एक दोस्त की और मन हो तुम्हारा भी ..


तो ठहर जाना..

जीत की ज़िद में ख़राब न होना..

हारने का हुनर सीखना..

जब वक़्त तुम्हारा कलेजा चीर दे ..

तब भी मत देना बद्दुआ उसे..

उसके भी तड़प रहे हैं प्राण किसी के लिए..

ताप सहना, धैर्य रखना..


बुद्धिजीवी भी तुम्हें कहेंगे मूर्ख..

सिखायेंगे कूटनीति भी तुम्हे कुछ लोग..

अपने मूल से, जड़ों से जीवन लेना..

सब देखना, समझना..शांत रहना …

ज़रूरत पड़े तो अकेले चलना..


तुम पीछे नहीं रहोगे..

तुम्हें भी वो सब मिलेगा, 

जो मिला हैं भागने वालों और जीतने वालों को ..

लेकिन तुम पा जाओगे और कुछ भी ..

जिसका एहसास सबको नहीं होता..


किसी के मन की गहराइयाँ..

उतरेगा तुममें जीवन रस..

तुम्हें मिलेगा समर्पण और प्रेम..

जिससे मिलती हैं इंसानी हृदय को संतुष्टि…

बस, तुम, तुम्हारे जैसे ही रहना..


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance