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कबूल ये करते हैं

कबूल ये करते हैं

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रिमझिम रिमझिम बरखा बरसे तेरी याद सताये,

बरखा का ही मौसम था जब हम तुमसे मिले थे,

वो तेरा हंसना वो तेरा गुनगुनाना याद आ जाता है,

तेरे संग गुजारे पल याद आ जाते हैं|


बिछड़ कर भी हम साथ-साथ हैं,

यही तो हमारा सच्चा प्यार है,

ये दुनिया क्या समझेगी हमारे प्यार को,

इसको समझने के लिए उनके पास हमारे जैसे दिल कहाँ है...


तुमसे प्यार है हमको,

इस बात से इनकार नहीं,

इकरार हम हर बार करेंगे,

तेरे झूठे वादे दिल तोड़ते हैं मेरे,

वरना तुझसे प्यार बेइंतेहा हम करते हैं|


बुराइयाँ तो सब में होती हैं कोई ना कोई,

हम में भी कोई बुराई तो होगी,

इसलिए तेरी बुराइयों को नजर अंदाज हम करते हैं,

कबूल ये करते हैं, हमको तुमसे प्यार है|


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