जब भी कोई रोता बच्चा लोरी या मृदु थाप हुआ मैं। बंद हुआ अब सैर-सपाटा गृहस्थी का परिमाप हुआ मैं। जब भी कोई रोता बच्चा लोरी या मृदु थाप हुआ मैं। बंद हुआ अब सैर-सपाटा गृहस्थी...
पूरा हो ना सका सपना, सबकी दुनिया बसाने का फिर भी यदि महसूस हो, हो सके तो लौट आना पूरा हो ना सका सपना, सबकी दुनिया बसाने का फिर भी यदि महसूस हो, हो सके तो लौट आना
सर-सर बहती हूँ इसलिए सरिता कहलाती हूँ। सर-सर बहती हूँ इसलिए सरिता कहलाती हूँ।
तप रही है ताप से, संग उपवन, पुष्प, लताएँ, जन जीवन ! तप रही है ताप से, संग उपवन, पुष्प, लताएँ, जन जीवन !
वक़्त मिले तुम्हें कभी तो इन सबका अर्थ समझना समझ आ जाएगा तुम्हें मेरा प्रेम ! वक़्त मिले तुम्हें कभी तो इन सबका अर्थ समझना समझ आ जाएगा तुम्हें मेरा...
पानी का दोहन करता, भेज दिया पाताल। तरसे पानी बूँद को, सूखी नदिया ताल।। पानी का दोहन करता, भेज दिया पाताल। तरसे पानी बूँद को, सूखी नदिया ताल।।