मैं वो नहीं जिसकी तुम्हें तलाश थी, पर वो हूं जो कभी खुद को तलाश ना पाऊंगा .. .. मैं वो नहीं जिसकी तुम्हें तलाश थी, पर वो हूं जो कभी खुद को तलाश ना पाऊंगा .....
पानी का दोहन करता, भेज दिया पाताल। तरसे पानी बूँद को, सूखी नदिया ताल।। पानी का दोहन करता, भेज दिया पाताल। तरसे पानी बूँद को, सूखी नदिया ताल।।
बेच रहे है साहित्य के ठेकेदार ही। अब तुम ही बतलाओ, कैसे सुरक्षित रह पायेगा? साहित्य इन लोगो... बेच रहे है साहित्य के ठेकेदार ही। अब तुम ही बतलाओ, कैसे सुरक्षित रह पायेगा...
तू खोज रहा घड़ियों में मुझ को, अरे देख कभी भीतर भी खुद को। तू खोज रहा घड़ियों में मुझ को, अरे देख कभी भीतर भी खुद को।
कहाँ पायल की वो रुनझुन, कहाँ गीतों की गुनगुन। कहाँ वो चूड़ियाँ खोईं, मधुर खनखन कहाँ है? कहाँ पायल की वो रुनझुन, कहाँ गीतों की गुनगुन। कहाँ वो चूड़ियाँ खोईं, मधुर खनख...
रिश्तों में रिस रहे। मतलब को जब, बताता हूँ। रिश्तों में रिस रहे। मतलब को जब, बताता हूँ।