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Prashant Kaul

Romance Tragedy

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Prashant Kaul

Romance Tragedy

शायद कह ना पाऊंगा .. ..

शायद कह ना पाऊंगा .. ..

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एक बात कहनी थी तुमसे

पर शायद कह ना पाऊंगा

कुछ गलती हो गई है मुझसे,

जिसके साथ जी भी ना पाऊंगा

तुम बहुत अच्छे हो 

मैं तुम्हारे लायक नहीं, 

यह बात जानकर भी 

चुप सा रह जाऊंगा

एक बात कहनी थी तुमसे 

पर शायद कह ना पाऊंगा !!


वो पल जो साथ बिताए हमने, 

उन्हें भूल कभी ना पाऊंगा

एकतरफा प्यार था जहां तुम्हारा, 

अपने हिस्से का दे ना पाऊंगा

एक बात कहनी थी तुमसे 

पर शायद कह ना पाऊंगा !


बहुत आगे निकल गया उस रास्ते पर 

जहां तुम ना थे

वापस आना भी चाहूं 

तो कौन सा रास्ता अपनाऊंगा .

एक बात कहनी थी तुमसे 

पर शायद कह ना पाऊंगा !


बहुत बार सोचा 

कि सब शायद उसकी मर्ज़ी है ..

पर कब तक अपनी गलतियों के लिए 

उसे दोषी ठहराऊंगा .

एक बात कहनी थी तुमसे 

पर शायद कह ना पाऊंगा !


मुझे देखकर कभी मुस्कुराना मत तुम,

और प्यार भी दिखलाना ना .

मैं वो नहीं जिसकी तुम्हें तलाश थी, 

पर वो हूं जो कभी खुद को तलाश ना पाऊंगा .. ..

एक बात कहनी थी तुमसे 

पर शायद कह ना पाऊंगा .. .. 

पर शायद कह ना पाऊंगा !!



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