कल बहुत काम है, बाकी अभी
कल बहुत काम है, बाकी अभी
फिर से देखने हैं वो ख्वाब
जो पूरे होंगे एक दिन।
चलना है उन रास्तों पर फिर से
जो ले आएंगे मंजिल को और करीब।
फिर से उन 24 घंटों को
खुल के है जीना
लगानी है फिर वो छलांग
जिससे डर हमें लगता है।
फिर से एक कोशिश
करनी है उस और
लड़ना है फिर एक बार
उस भीतर के तूफान से।
फिर से कुछ नया करने
की चाह को जगाना है
दौड़ना है फिर एक बार
किसी को पीछे नहीं अपने
आप को आगे ले जाने के लिए।
फिर से गिर के है संभलना
चलते जाना है फिर से
अपने लक्ष्य की ओर।
फिर से खुल के पूरा
एक दिन है जीना
शिकवे शिकायतें फिर से हैं
भुलाने और रिश्तों पर
है काम करना।
फिर से किसी को
सच्चा हौसला है देना
बुझानी फिर से है वो
आग जो दिल में लगी है।
फिर से जीना है वो
जिंदगी के चार दिन
क्योंकि कल फिर से बहुत है
काम जो अभी बाकी है।