कुछ तो सिखा के जाएगा
कुछ तो सिखा के जाएगा
घर बैठे इन दिनों कुछ ऐसा हमने पा लिया
जो तराना सीखा ना था वो भी हमने गा लिया
वक्त कुछ ऐसा गुजरता है अब अपनों के साथ
कि इल्म नहीं होता कब होती है दिन से रात
अब मालूम पड़ा कि जीने के लिए क्या जरूरी है
रोटी, कपड़ा और मकान ने की सभी कमी पूरी है
जो भी है ये जितना भी बुरा है पर कुछ तो सिखा के जाएगा
दूरी चाहे होगी दरमियान पर दिलों को करीब तो लाएगा
यह 21 दिन जिंदगी के कुछ इस तरह बिताना
बुरी आदतें दफन करके कुछ अच्छी आदतें अपनाना
जरूरी इस समय बस इतनी सी बात है
यह धरती हम सभी को है संभालनी
फर्क नहीं पड़ता तेरी क्या जात है ।।