दहेज के लोभी समाज में बहू, बेटी को जिंदा जलाये। उनकी इच्छाओं का दमन करे तो आंसू छलक जाये। दहेज के लोभी समाज में बहू, बेटी को जिंदा जलाये। उनकी इच्छाओं का दमन करे ...
तू खोज रहा घड़ियों में मुझ को, अरे देख कभी भीतर भी खुद को। तू खोज रहा घड़ियों में मुझ को, अरे देख कभी भीतर भी खुद को।
खुद को अकेले में कोस रही जो थी कि कभी अनमोल। खुद को अकेले में कोस रही जो थी कि कभी अनमोल।
फंदे पर लटकने से पहले न जाने उसने खुद को कितना कोसा होगा। फंदे पर लटकने से पहले न जाने उसने खुद को कितना कोसा होगा।
मनाते थे सब मिलकर खुशियां बहुत सुंदर थी छोटी सी दुनिया मनाते थे सब मिलकर खुशियां बहुत सुंदर थी छोटी सी दुनिया
मैं भी किस्मत का रोना रोता हूं किस्मत को अपनी अक्सर कोस लेता हूं, मैं भी किस्मत का रोना रोता हूं किस्मत को अपनी अक्सर कोस लेता हूं,