दर्द दिल का न मुझसे छिपाया गया
दर्द दिल का न मुझसे छिपाया गया
दर्द दिल का न मुझसे छिपाया गया,
ला जुबाँ पर न मुझसे बताया गया,
हर समय पूछते लोग मुझसे रहे,
नाम उसका जुबाँ पर न लाया गया|
वेदना उर की व्याकुल किये जा रही,
जख्म फिर भी न साथी दिखाया गया,
इस कदर जग ने मुझको है तोड़ा यहाँ,
हाल दिल का न मुझसे सुनाया गया|
चाह में उसकी जग को भुलाया मगर,
एक उसको न दिल से भुलाया गया,
याद उसकी हृदय चीरने जब लगी,
प्रेम पन्नो में फिर न सुलाया गया|
मैंने कोशिश कई रात जग जग करी,
एक भी खत न उसका जलाया गया,
चाह में उसकी राधे मैं खुद मिट गया,
नाम दिल से न उसका मिटाया गया|

