तुम्हारा चंदर
तुम्हारा चंदर
तू मेरा जिस्म बने, मैं रूह बनकर तेरे अंदर हो जाऊँ
मैं पानी तू लहर, तुझमें घुलकर यार समंदर हो जाऊँ
राम- सिया, शिव- शक्ति होना अपने बस के बाहर है
जो इश्क़ करो तुम सुधा सा मैं तुम्हारा चंदर हो जाऊँ

