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Rishabh Tomar

Romance

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Rishabh Tomar

Romance

मौत तेरी बाहों में पा लूँ

मौत तेरी बाहों में पा लूँ

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ख्याबों में तुमको सज़ा लूँ

नींदों में बस तुमको पा लूँ


फ़ूल तितली भवरें गुलशन

तुझसे ही तुझको बता लूँ


लिखके सारे गीत तुझ पे

यूँ फिर तुझे मैं गुनगुना लूँ


फूलों सा मैं खिल उठूँगा

जो गले तुझको लगा लूँ


मरने का भी गम न होगा

मौत तेरी बाहों में पा लूँ


शामों सहर तुममें रहूं मैं

खुद में तेरा घर बना लूँ


ईद का तू दीद दे जब

मैं जरा सा मुस्कुरा दूँ


जी यही बस चाहता है

तेरे सब नखड़े उठा लूँ 


महलों की क्या जरूरत

आ तुझे दिल में बसा लूँ


पास आने की कहो तुम

सारी में चिलमन हटा लूँ


वार दूँ तुम पर सब कुछ

व क़ज़ा अपनी बुला लूँ


बिन तेरे शव सा ऋषभ

बोल तो ऋ को मिटा लूँ।


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