कुछ एहसास
कुछ एहसास


हरपल मैं तुझे ही याद करती रहूं,
दिल के हर कोने में तू ही बसे।
तेरा प्रेम क्यों अधूरा सा लगे,
निर्मल हवा बन तू मन में बहे।
तुझे ही हरदम निहारते रहूं,
बागों में जैसे सुंदर गुलाब खिले।
वह मधुर स्वर संगीत सुन तेरा
कानों में मेरे यूं ही रस घोले।
तेरा वो हमेशा रूठना मनाना
हरदम हरपल मुझको याद आये।
मेरी धड़कन सब कुछ बयां करे
मेरे एहसासों मे इश्क बनकर रहे।
प्रिये तेरी प्रीत की रीत निभाऊं,
मेरी हर सांसे यही कामना करे।