गजल
गजल
मुझको यादें पुरानी नहीं चाहिए।
आंख में फिर से पानी नहीं चाहिए।
भुला देंगे हम सारे रंज ओ अलम।
कोई नई अब कहानी नहीं चाहिए।
प्यार तुमसे किया है तुम ही से करेंगे।
कोई तुमसे निशानी नहीं चाहिए।
आप आजाद हैं आपकी मर्जियां।
बस ग़लत कुछ बयानी नहीं चाहिए।
जैसे तैसे गुज़र जाएगी जिंदगी ।
आपकी मेहरबानी नहीं चाहिए।
जागकर अपनी रातें बिता लेंगे हम।
मुझको रुत अब सुहानी नहीं चाहिए।
आपके ग़म के बदले मिले जो ख़ुशी।
मुझको वो जिंदगानी नहीं चाहिए।
जो समझ ना सके दिल के जज़बात को।
ऐसी परियों की रानी नहीं चाहिए।
कृष्ण बनना जब मुमकिन नहीं है सगी़र।
कोई मीरा दीवानी नहीं चाहिए।

