जाने कब छुट जाये, हो कौन सी आखिरी घड़ी, कुछ मिठे बोल, थोड़ा पयार थोड़ी. तकरार, जो है। जाने कब छुट जाये, हो कौन सी आखिरी घड़ी, कुछ मिठे बोल, थोड़ा पयार थोड़ी. तकरार, ...
एक मौका और दीजिये जहाँपनाह, जिससे आपकी गरीबी हम कर सके दूर। एक मौका और दीजिये जहाँपनाह, जिससे आपकी गरीबी हम कर सके दूर।
मेरी कलम से मैंने लिखी कुछ अनकही कहानी है! मेरी कलम से मैंने लिखी कुछ अनकही कहानी है!
मील के पत्थर सा मिलूँगा तू चाहे जिस रास्ते से जा मील के पत्थर सा मिलूँगा तू चाहे जिस रास्ते से जा
इमाम आली मकाम की खिदमत में सलाम का नजराना सलाम इमाम आली मकाम की खिदमत में सलाम का नजराना सलाम
तेरी मेहरबानियों की वर्षा से मेरी झोली भर गई। तेरी मेहरबानियों की वर्षा से मेरी झोली भर गई।