STORYMIRROR

Pallavi PS

Abstract

2  

Pallavi PS

Abstract

मेरी कलम

मेरी कलम

1 min
37

मेरी कलम से मैंने लिखी कुछ अनकही कहानी है,

जो ढल जाएगी वो ज़वानी है

जो आज है तेरी मेहरबानी है

किस्से हैं,नग्में है,कुछ नई है,

तो कुछ पुरानी है

कुछ तेरे दिए प्यारे लम्हें हैं 

तो कुछ मेरी बेतुकी नादानी है

कुछ आवारा शाम की हमारी कहानी है,

तो कुछ तेरी मेरी प्यारी बईमानी है 

हर पन्ने पर, एक राजा है तो एक रानी है

कुछ तेरी और कुछ मेरी कहानी है ।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract