मेरी कलम
मेरी कलम
मेरी कलम से मैंने लिखी कुछ अनकही कहानी है,
जो ढल जाएगी वो ज़वानी है
जो आज है तेरी मेहरबानी है
किस्से हैं,नग्में है,कुछ नई है,
तो कुछ पुरानी है
कुछ तेरे दिए प्यारे लम्हें हैं
तो कुछ मेरी बेतुकी नादानी है
कुछ आवारा शाम की हमारी कहानी है,
तो कुछ तेरी मेरी प्यारी बईमानी है
हर पन्ने पर, एक राजा है तो एक रानी है
कुछ तेरी और कुछ मेरी कहानी है ।