पिया साँवरे
पिया साँवरे
अब के बरस गर्मी भी बीते
सावन भादव नैना बरसे
पतझर बीते,बसन्त आए
पर तु न आया, रे पिया साँवरे,
कर्ण तेरे वाणी को तरसे
सावन भादव ये नैना बरसे
अब के बरस होली भी बीते
दीवाली के मौसम भी बीते,
तेरी यादों में अरसों जलाये दिये
पर तु न आया मेरे प्रिय
पल बीते,दिन भी बीते
तेरे इंतेज़ार में महीने,साल बीते
नैन तेरे दरस को तरसे
सावन भादव नैना बरसे
हर पल तेरे साथ को तरसे
दिन-रैना गिन-गिन बीते
ये चंचल मन तेरे साथ को तरसे
सावन भादव नैना बरसे
पर तु ना आया, रे पिया साँवरे ।