ये क्या बात हुई ?
ये क्या बात हुई ?
ये क्या बात हुई जनाब
अभी तो आये हो, अभी जा रहे हो
जाम से भरे प्याले को आँखों से ही
पिये जा रहे हो।
शाम भी हसीन हैं,
दिलनशीन है, और तुम
खामोशी से लिपटे हुए
अपनी निगाहों से मुझे
मदहोश किये जा रहे हो,
तक़दीर से मिले हैं हम ए-जानेमन
दिल की आग बुझाये बिना जा रहे हो।
ज़रा पहचान तो बना लो हमसे
अभी तो टकराये थे हम नसीब से
और अभी तुम
बिना हमारे मनाये,
हमसे यूँ रूठ के जा रहे हो।
ये क्या बात हुई जनाब
अभी तो आये हो, अभी जा रहे हो
जाम से भरी प्याले को आँखों से हीं
पिये जा रहे हो ।