नव वर्ष में कान्हा जी
नव वर्ष में कान्हा जी
रहें ना किसी की पलकें प्यासी
रहे ना किसी के घर में उदासी
नव वर्ष में कान्हा जी
ऐसी बंशी मधुर बजाना।
आतंकवाद का भय ना रहे
घोटालों की जय ना रहे
महंगाई का ना हो विस्तार
बेईमानी का हो झट उपचार
नव वर्ष में कान्हा जी
ऐसी बंशी मधुर बजाना।
पलायन से मिले छुटकारा
गरीबी ना हँसे दोबारा
भुखमरी का ना जिक्र हो
इंसा को इंसा की फ़िक्र हो
नव वर्ष में कान्हा जी
ऐसी बंशी मधुर बजाना।
विपदाओं से छूटे पल्ला
आपदाएँ ना करें हल्ला
घर-घर में खुशी के दीप जलें
बच्चे-बूढ़े सभी खिलें
नव वर्ष में कान्हा जी
ऐसी बंशी मधुर बजाना।