डर
डर
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जीवन भर
तुम्हें देखता रहूँ
इसलिए फूल बनकर
तुम्हारी बगिया में
महका करता हूँ
डरता हूँ
कहीं तुम्हारे प्रेम से
वंचित न हो जाऊँ
इसलिए
हवा बनकर
तुम्हारी सांसों में
दहका करता हूँ।