जीवन लाखों का संवारा
जीवन लाखों का संवारा


जीवन लाखों का संवारा, शिक्षक ने आकर जग में।
पथिकों को दिखाई राह, मन में जगाई चाह।
पत्थर को भी निखारा, शिक्षक ने आकर जग में।
सेवा का लिया आधार, मूल्यों का रचा संसार।
सच का किया इशारा, शिक्षक ने आकर जग में।
अज्ञान को दूर भगाया, मानव हृदय को जगाया।
ज्ञान का दिया सितारा, शिक्षक ने आकर जग में।
आशा की धुन सुनाई, वतन को दी ऊंचाई।
बिगड़ा काम सुधारा, शिक्षक ने आकर जग में।