स्वांस
स्वांस
क्षणभंगुर सा जीवन,
सुंदर बस उतना ही,
जितनी की अगली स्वांस
खुबसूरत काया या,
मिट्टी की है यह माया।
जो भूल जाऊँ लेना स्वांस ।
घन, दौलत, गाड़ी, बंगला,
क्या लाना,क्या लेकर जाना।
सोचता कौन है दूसरे का
दिल तोड़ने से पहले,
लंबी है ज़िन्दगी क्यों करनी फिर मेहरबानी।
जाने कब छुट जाये, हो कौन सी आखिरी घड़ी,
कुछ मिठे बोल, थोड़ा प्यार थोड़ी. तकरार,
जो है बस यही घड़ी,यही स्वांस ।
