दोस्त
दोस्त
ढूंढते ही रहते हैं कि कोई दोस्ती का हाथ बढ़ायें,
हम जैसे हैं हमें समझ पाएं ,और अपनाएँ ।
क्यों ढूंढना सुख चंद रिश्तों में,
बस इतनी कोशिश कर ऐ दिल,
खुद को तो समझ कभी, खुद का दोस्त तो बन।
तू इंसान अच्छा ही है।
ढूंढते ही रहते हैं कि कोई दोस्ती का हाथ बढ़ायें,
हम जैसे हैं हमें समझ पाएं ,और अपनाएँ ।
क्यों ढूंढना सुख चंद रिश्तों में,
बस इतनी कोशिश कर ऐ दिल,
खुद को तो समझ कभी, खुद का दोस्त तो बन।
तू इंसान अच्छा ही है।