अपनेपन वाला स्वाद अब क्यों नहीं मिलता ? अपनेपन वाला स्वाद अब क्यों नहीं मिलता ?
रोते को हँसाती टीचर माँ सा स्नेह लुटाती टीचर। रोते को हँसाती टीचर माँ सा स्नेह लुटाती टीचर।
होने न पाए ग़ैर बग़लगीर यार से अल्लाह यूँ ही रोज़ गुज़र जाए ईद का होने न पाए ग़ैर बग़लगीर यार से अल्लाह यूँ ही रोज़ गुज़र जाए ईद का
शीतलता से दुनिया परिचित ना हो पाती ! शीतलता से दुनिया परिचित ना हो पाती !
और तो और अब तो लोग मुझे चैन से जीने भी नहीं देते यहाँ तक पहुँच जाते हैं और तो और अब तो लोग मुझे चैन से जीने भी नहीं देते यहाँ तक पहुँच जाते ...
ईद के चाँद तुमको आज है मेरी एक छोटी सी अर्जी भाई ना कभी उन पर कोई मुसीबत आये मुझे प्यारे है... ईद के चाँद तुमको आज है मेरी एक छोटी सी अर्जी भाई ना कभी उन पर कोई मुसीबत आ...