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Aishani Aishani

Romance

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Aishani Aishani

Romance

गुलमोहर रहने देना

गुलमोहर रहने देना

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फूल जितनी चाहो खुशुबुओं वाली

अपने घर में सजा लेना, 

पर.. 

मुझे गुलमोहर ही बने रहने देना

जब भी तुम चलोगे उन राहों में

गलीचे की तरह बिछ जाऊँगी

तुम्हारे पाँव तले

उसे ज़मी पर न पड़ने दूँगी..

जीवन में ही नहीं 

मृत्यु के पश्चात भी तुम्हारा साथ निभाऊँगी

राहों के शूल को समेट कर अपनी बाहों में

रंग भरूँगी प्रेम का जीवन में 

इस ज़मी से आसमाँ तक 

तुम्हारे लिए बस प्रेम रस बरसाऊँगी

तुम मुझे बस गुलमोहर ही रहने देना।


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