भूल गई हूँ..!!
भूल गई हूँ..!!
सुनो..!
मैं तुम्हें भूल गई हूँ
और..
तुम भी मुझे
अब याद मत आना...!
अरे हाँ..!
जो कभी भूले से भी
याद आ जाऊँ मैं
तो...
मंथन करना
दिल की गहराइयों का
कहीं कुछ
शेष तो नहीं रह गई
कुछ कमी तो नहीं रह गई
उस कोशिश में
जो तुमने मुझे मिटाने में की थी....
और फिर
एक और बार जुट जाना
जी जान से मुझे मिटाने में
पर याद...
याद भूले से भी ना आने देना
ख़ुद को मुझे...!!
ह्ह्ह्ह्म..! ह्ह्ह्ह्म..! ह्ह्ह्..!!

