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Nitu Mathur

Romance

4  

Nitu Mathur

Romance

इश्क का रिश्ता

इश्क का रिश्ता

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बिखरा जुल्फों की घटा, यूं चला तीर नैनो के

सुर्ख लाली जो गालों पे आई है इस क़दर

देखकर उड़ गए होश चाहने वालों के,


ये खूबसूरती, ये आपकी बेपनाह मुस्कान 

क्या करेगी घायल या लेगी मेरी जान

ऊपर से ये सहज सादगी अपकी 

दे रही मिसाल आफताब की


 खुशकिस्मती मेरी जो करीब हूं आपके

 लगते हैं अब तो

 इश्क के सिवा सब रिश्ते बेनाम के।


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