परिधान
परिधान
साड़ी..
सूत मखमली धागों का बंधन
लाल सुनहरी गोटे की झालर
रेशे रेशे की बख़ूब कारीगरी
आँचल में समेटे प्रीत की डोरी
नारी की आन बान शान
आत्म विश्वास की पहचान
श्रृंगार सजी रंगीली पोशाक
सत्य सहज निर्णय की धाक
सभ्यता उजला स्वरूप रूप
सरल संस्कृति मानक प्रतीक
हर मौसम उत्सव की छाप
बड़े चाव से पहनिए आप
अनूठी धरोहर की पहचान
तन ओढ़ा जैसे स्वाभिमान
सरल सजीली इसकी शान
खिलता निखरता ये परिधान
पीला लाल गुलाबी रेशा
बुनकर खिली वेशभूषा
मन भाये लुभाए हर्षित रहे
ज़री खिले मोती महकें
ये कारीगरी दमकती रहे।
