Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Rajeev Rawat

Romance

4  

Rajeev Rawat

Romance

तुम और हम - - दो शब्द

तुम और हम - - दो शब्द

1 min
289



मेरे स्वप्नों के 

महल की दर-ओ - दीवार

पर जब तुम अपनी नाज़ुक उंगलियों की जुम्बिश से

रंग की करती हो बारिश-

मानो महताब 

आहिस्ता आहिस्ता उतर आता है जमीं पर

मेरी बांहों की दरमियाँ सुनकर मेरी गुजारिश - 


दिल के 

आशियाँ में बजने लगती हैं

पाजेब की रुनझुन-

कानों में गूंजने लगती हैं भौंरों की गुनगुन-

बगीचे भी महकते हैं

खिले हुए फूलों की गंध से--

हमारे जज्बात भी बहने लगते हैं

पाकर तुमको

बहते हुए दरिया के मानिंद से--


तारे भी बिखेर देते हैं

आसमां में रुपहली कनात सी-

तेरे लरजते होंठों पर उतरती है हुस्न की

बारात सी--


तेरे आगोश से

कब शब्बा खैर 

करती गुजर जाती है रात सी-

दिल का जर्रा जर्रा करता है बस तेरी बात सी--


रात के पहलू से छूट कर 

सुबहो की रोशनी गिरती है छम से-

मैं पूरा होता हूं तुम से और तुम पूरी होती है हम से-

                 


Rate this content
Log in