नारी नारी सब कहें, नारी ही देवी को स्वरूप, नारी नारी सब कहें, नारी ही देवी को स्वरूप,
बनकर ऊष्ण, फ़िज़ा में मिलकर, या फिर गुम किसी गहरे बवंडर में। बनकर ऊष्ण, फ़िज़ा में मिलकर, या फिर गुम किसी गहरे बवंडर में।
देख न तो एक बार मुझे ये चूड़ी कितनी प्यारी रे, चूड़ी क्या ये हंसी ये आंसू सब कुछ तुझ पर देख न तो एक बार मुझे ये चूड़ी कितनी प्यारी रे, चूड़ी क्या ये हंसी ये आंसू सब कु...