Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

V. Aaradhyaa

Romance

5.0  

V. Aaradhyaa

Romance

अकुलाया बौराया तन बदन

अकुलाया बौराया तन बदन

1 min
36


इन दिनों अकुलाया बौराया सा है मन ,

प्रिय के आलिंगन को तत्पर है बदन !

ह्रदय में खिलता जाए है कोई मधुबन,

कभी मंद तो तीव्र होती जा रही तपन !


आया है फिर मदमस्त बसंत मनभावन,

महमहाया व गदराया सा विकल यौवन !

कैसी मीठी सी लागे बोली कोकिला की,

कैसे तो अगन सी लगाए ये शीतल पवन!


धीरे-धीरे कान में ज्यूँ कहता कोई म्हारे,

नयन क्यों मूँदे हैं मेरे आज शाम सकारे !

इन नयनन में बस गए मोरे सैंया साँवरे ,

प्रियतम भूल गये वो स्वर्णिम दिन हमारे !


इन दिनों अकुलाया बौराया सा है मन ,

प्रिय के आलिंगन को तत्पर है बदन !

ह्रदय में खिलता जाए है कोई मधुबन,

कभी मंद तो तीव्र होती जा रही तपन !


अन्तर कितना हुआ आज और कल को,

सोचो तो तनिक गौर से विशेष पल को !

सपन कभी जो देखे हमदोंनो ने मिलके,

वायदे किये थे जो हर एक पल छिन के !


मतवारे प्रियतम दो संदेश अपने आवन,

ज़ब पधारो, वो दिन होगा सबसे पावन!

मधुर मधुर मधुमास लागे मोहे सुहावन,

आओ साजन,भर मांग मुझे बनाओ सुहागन !



Rate this content
Log in