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Amit Singhal "Aseemit"

Romance

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Amit Singhal "Aseemit"

Romance

आ जाए न दिल

आ जाए न दिल

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आ जाए न दिल आप का भी और किसी पर।

देखो मिरी जाँ आँख लड़ाना नहीं अच्छा।


चले जाना नहीं किसी के दिल में रह कर।

नज़रों से नज़रें मिला कर चुराना नहीं अच्छा।


गिराना नहीं किसी को सिर पर बैठा कर।

मेरी ख़ामोशी का मतलब समझना नहीं अच्छा।


दूर करना नहीं किसी को अपना बना कर।

बिन बोले सब आँखों से बयां करना नहीं अच्छा।


दिल बहलाना नहीं मीठी मीठी बातें बना कर।

हँसकर ख़ामोशी का दामन थामना नहीं अच्छा।


ज़िंदगी में तूफ़ान लाना नहीं क़यामत ढाकर।

दर्द देकर ज़ख्म पर मरहम लगाना नहीं अच्छा।


मेरी मुहब्बत को और मेरी यादों को यूं भुला कर।

मेरा नाम याद करने का ढूंढना बहाना नहीं अच्छा।


बेरहमी से मेरा क़त्ल करना बेरुखी दिखा कर।

फिर गले मिलकर अपनापन जताना नहीं अच्छा।


आना नहीं मेरे मरने की ख़बर सुनकर दौड़कर।

मेरी मौत के बाद क़ब्र पर आँसू बहाना नहीं अच्छा।


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