तुम जैसी हो
तुम जैसी हो
तुम जैसी हो वैसी नजर आया करो,
चेहरो की दुनिया से बाहर आया करो !
चित में विश्वास जताया करो,
सुन्दरता नहीं तो मन्नत दिखाया करो !!
तुम जैसी हो वैसी नजर आया करो
तुम दीन हो शालीन नजर आया करो,
श्रृंगार की रति से दूर आया करो !
स्वयं में भरोसा जताया करो,
विचार नहीं तो सुन्नत दिखाया करो !!
तुम जैसी हो वैसी नजर आया करो
तुम नादान हो सौम्य नजर आया करो,
देह के अभिमान से बेपर्दा आया करो !
गरूर में सुकून जताया करो,
चेहरा नहीं तो कष्ट दिखाया करो !!
तुम जैसी हो वैसी नजर आया करो।

