मेरी आवाज़
मेरी आवाज़
सुनो दिकु....
एक दिन वह सवेरा ज़रूर आएगा
जो तुम तक मेरी आवाज़ पहुंचाएगा
कितनी भीगी आंखें
जागी वह कितनी राते
जितनी दिल ही दिल में टूटकर सहम सी गयी
वह हर बातों का हिसाब तुम्हें दिखायेगा
एक दिन वह सवेरा ज़रूर आएगा
जो तुम तक मेरी आवाज़ पहुचायेगा
जाने से पहले कह जाती सिर्फ एकबार प्रेम को
खत्म कर जाती मन में रहे हुए एक वहम को
यह एक दर्द प्रेम को पूरी ज़िंदगी सताएगा
एक दिन वह सवेरा ज़रूर आएगा
जो तुम तक मेरी आवाज़ पहुचायेगा
प्रेम ना थकेगा कभी ना ही कभी रुकेगा
वह तुम तक बात पहुंचाने की हरदम कोशिश करता रहेगा
जिस पल तुम्हें पता लग जायेगा
प्रेम उस दिन अपने दिल में दिवाली मनाएगा
एक दिन वह सवेरा ज़रूर आएगा
जो तुम तक मेरी आवाज़ पहुचायेगा
*प्रेम का इंतज़ार अपनी दिकु के लिए*

