STORYMIRROR

Mukesh Kumar Sonkar

Romance

4  

Mukesh Kumar Sonkar

Romance

हरितालिका तीज

हरितालिका तीज

1 min
410


     

हरितालिका के पावन पर्व पर हर नारी की यही कामना,

स्नेह प्यार मिलता रहे साथ निभाए सदा उसके सजना।

अपने पति में देखती वो छवि राधा मोहन श्याम की,

मांगती आशीष नाम अमर हो जैसे हुई सिया और राम की।

शिव शिवा की पूजा करके करती चरणों में नमन,

पति खुश रहें इसलिए करती हर संभव जतन।

हाथों में अपने पिया के नाम की मेहंदी वो रचाए,

करती सुरम्य श्रृंगार वही जो पिया मन भाए।

हरितालिका तीज के इस पावन त्यौहार में,

पत्नी करती निर्जला व्रत पति के प्यार में।

बिन पानी और भोजन बिना भी उसका चेहरा खिला,

पावन व्रत और पूजन का उसको सुंदर सा फल मिला।

देख के पत्नि का यह अनुपम त्याग और समर्पण,

पति हर्षित हो करे पत्नि के लिए सर्वस्व अर्पण।

हरितालिका तीज का यह पावन व्रत और पूजन जो करे,

शिव शक्ति के आशीष से उसका सिंदूर सुहाग सदैव अमर रहे।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance