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Mukesh Kumar Sonkar

Drama Action Inspirational

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Mukesh Kumar Sonkar

Drama Action Inspirational

कुछ पल अपने लिए

कुछ पल अपने लिए

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बीत रही जिन्दगी सारी दूसरों की सोचकर,

अब तलक कभी जिया नहीं अपने लिए।

सोचता हूं जरा इस जिन्दगी को रोककर,

मैं भी निकालूं इसमें से कुछ पल अपने लिए।


भागदौड़ भरे जीवन में इतना मैं व्यस्त रहा,

खुलके कभी नहीं हंसा न अभी खुलके जी रहा।

जिम्मेदारियों के बोझ तले दबी हुई है जिन्दगी,

कर्तव्य निभाने की खातिर होती है बस बंदगी।


पूरा ध्यान रहता बस अच्छे जीवनयापन में,

कभी निकाला नहीं समय स्व अध्ययन में।

अब ऊब चुका हूं इससे ये दौर मुझे बदलना है,

खुद की खुशियों की राह की ओर मुझे चलना है।


स्व आनंद की इस राह पर अविचल मुझको बढ़ना है,

नित नई खुशियों के लिए सफलता के नए आयाम गढ़ना है।।


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