तेरी यादों से मैं मुझे भिगोने लगता हूं
तेरी यादों से मैं मुझे भिगोने लगता हूं
तुमको जब भी देखूं तुममें खोने लगता हूं
गोदी में सर रखता हूं मैं सोने लगता हूं
जब भी आंख तुम्हारी आंसू से भर जाती हैं
छोटे बच्चे जैसे अक्सर रोने लगता हूं
तुम जैसी पाकीजा लड़की साथ हमारे हो
संगम जाकर पाप स्वयं के धोने लगता हूं
इतनी सच्ची बात तुम्हारी हमको लगती हैं
तुमसे दिल की सारी बातें बोने लगता हूं
मेरी बातें करती है जब अपने लोगों में
मैं जीवन के सपनें सभी संजोने लगता हूं
पानी के छीटों से फूल सुवासित होते हैं
तेरी यादों से मैं मुझे भिगोने लगता हूं।

