शोला अपने आप बने फिर, नन्हीं सी भी चिंगारी। शोला अपने आप बने फिर, नन्हीं सी भी चिंगारी।
शब ए विशाल ए रोज़ तिर्गियो में हुस्न ए हूर ए ज़मन को देखते है शब ए विशाल ए रोज़ तिर्गियो में हुस्न ए हूर ए ज़मन को देखते है
सुख दुख की बातें लगी रहती साहस ना तोड़, ऐ राहें कहती सुख दुख की बातें लगी रहती साहस ना तोड़, ऐ राहें कहती
यहां तो सभी का अलग रुतबा है। धन के लोभ में हर कोई फंसा है। यहां तो सभी का अलग रुतबा है। धन के लोभ में हर कोई फंसा है।
शोला भी थी और शबनम भी, गीली मिट्टी-सी भीनी भी! शोला भी थी और शबनम भी, गीली मिट्टी-सी भीनी भी!
अपने आंसुओं को तू तलवार कर मारे उनको जो है बेईमानी का सर अपने आंसुओं को तू तलवार कर मारे उनको जो है बेईमानी का सर