तभी, मानवता की सच्ची कहानी होगी। तभी, मानवता की सच्ची कहानी होगी।
जब मैं ही मिट गया हूं तुझपे, अब परवाह नहीं किसी की मुझे। जब मैं ही मिट गया हूं तुझपे, अब परवाह नहीं किसी की मुझे।
कपूत ही बेचते हैं पुरखो की दौलत सपूत इस कला मे माहिर नहीं होते! कपूत ही बेचते हैं पुरखो की दौलत सपूत इस कला मे माहिर नहीं होते!
जिन लोगो की नीयत साफ है उनका हृदय ही काशी धाम है जिन लोगो की नीयत साफ है उनका हृदय ही काशी धाम है
बस्तियों में लोग फिर से आने-जाने लग गए । जोर अपने बाजुओं का आजमाने लग गए ॥ बस्तियों में लोग फिर से आने-जाने लग गए । जोर अपने बाजुओं का आजमाने लग गए ॥
देखो कैसे कैसे हथकंडे, आजमाते जा रहे हैं। देखो कैसे कैसे हथकंडे, आजमाते जा रहे हैं।