पिता नीरद है गगन की, पिता धारा है जीवन की। पिता नीरद है गगन की, पिता धारा है जीवन की।
जब देश बढ़ रहा तो तुम भी इसको बढ़ाकर देखो। जब देश बढ़ रहा तो तुम भी इसको बढ़ाकर देखो।
मेरे साथ सुबह से शाम तक का समय तो व्यतीत तो कीजिए साहब। तुम्हें उस समय की कीमत का पता नहीं चले तो... मेरे साथ सुबह से शाम तक का समय तो व्यतीत तो कीजिए साहब। तुम्हें उस समय की कीम...
खुद पर यकीन करना सीखो नियत सच्ची और जुबां प्यारी रखो खुद पर यकीन करना सीखो नियत सच्ची और जुबां प्यारी रखो
नफरत ईर्ष्या बदला छोड़ तू इंसान बरसात कर प्रेम की तू इंसान नफरत ईर्ष्या बदला छोड़ तू इंसान बरसात कर प्रेम की तू इंसान
खुद को बताओ सचिन, और छक्का मारो। खुद को बताओ सचिन, और छक्का मारो।