मैं लिपिका भट्टी, भारत की राजधानी दिल्ली की निवासी हूँ। पढ़ने और लिखने का शौक मुझे बचपन से ही रहा है। बाल अवस्था में मुंशी प्रेमचंद्र और रविंद्र नाथ टैगोर जी की कहानियां व हरिवंशराय बच्चन जी की कविताओं से मुझे शब्दों को भावों में पिरोने की प्रेरणा मिली।
मेरे साहित्य जगत की शुरुआत छठी कक्षा में... Read more
मैं लिपिका भट्टी, भारत की राजधानी दिल्ली की निवासी हूँ। पढ़ने और लिखने का शौक मुझे बचपन से ही रहा है। बाल अवस्था में मुंशी प्रेमचंद्र और रविंद्र नाथ टैगोर जी की कहानियां व हरिवंशराय बच्चन जी की कविताओं से मुझे शब्दों को भावों में पिरोने की प्रेरणा मिली।
मेरे साहित्य जगत की शुरुआत छठी कक्षा में कविता लेखन से हुई ।मेरी कई कविताएं कॉलेज की मैगजीन में भी प्रकाशित हुई हैं। 'कलम अस्तित्व' जैसे प्रसिद्ध अखबार में भी मेरे कई लेख प्रकाशित हुए हैं। काव्य संकलन " बदलता भारतीय समाज " ऐवं भारतीय नृत्य " में भी मेरी रचनाएँ प्रकाशित हुई है।
शब्दइन , प्रतिलिपि, स्टोरीमिरर ,अमरउजाला काव्य जैसे कई मंचो पर भी मेरी अनेको कविताएं , लेख व कहानियां प्रकाशित व सराही जाती हैं।
आज मैं एक लेखिका होने के साथ विज्ञान एवं वैदिक मैथ्स की शिक्षिका भी हूं।बच्चो को पढ़ना व उनको जीवन में निरंतर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना मेरे जीवन का प्रमुख उद्देश है। विज्ञानं की शिक्षिका होने के बावजूद भी हिंदी भाषा और साहित्ये से मेरा विशेष लगाव है।
आज कई मंचो पर मै अपने शब्दों के ज़रिये सब के मन को छूने व अपने मन के भावो को जनसाधारण तक पहुँचने का निरंतर प्रयास कर रही हूँ। माँ सरस्वती के आशीर्वाद से ये खूबसूरत सफर जारी है,सभी के मन में अपना एक ख़ास स्थान बना सकूँ और सभी के मन को अपने शब्दों के भावो से छू पाऊं ,ऐसी कमान है। Read less